नोटबंदी के बाद देश में बढ़ रहे कैशलेस लेन-देन पर साइबर हमले का खतरा बढ़ गया है। माइक्रो एटीएम और पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनें सबसे आसान निशाना हैं। इनसे क्रेडिट/डेबिट कार्ड्स का डेटा आसानी से चोरी हो सकता है। यह चेतावनी देश की सबसे बड़ी साइबर सुरक्षा एजेंसी सीईआरटी-इन ने दी है। एजेंसी ने सभी ग्राहकों, बैंकर्स व कारोबारियों को स्कीमिंग और मालवेयर के हमले से बचने के उपाय को कहा है।
कोई डाटा चोर स्वाइप मशीन में एक छोटे इलेक्ट्रानिक उपकरण (स्कीमर मशीन यानी कार्ड रीडर) को लगाकर डेबिट और क्रेडिट कार्ड का गोपनीय नंबर और पासवर्ड जान सकता है।
- इसके साथ माइक्रो एटीएम और पीओएस के लिए दो अलग एडवाइजरी जारी की गई हैं।
गत अक्टूबर महीने में भी विभिन्न बैंकों के 32 लाख कार्ड्स का डेटा चोरी होने का मामला सामने आया था
- हैकर्स ने उसके जरिये करीब 1.30 करोड़ रुपए चुरा भी लिए थे।
हैकर्स डेटा चुराने की फिराक में हैं। नकली बैंक अफसर बन दुकानदार की मशीनों पर डिवाइस लगा सकते हैं।
हैकर्स डेटा चुराने की फिराक में हैं। नकली बैंक अफसर बन दुकानदार की मशीनों पर डिवाइस लगा सकते हैं।
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